Every Year 46 Lakh Students Fail in 10th, 12th: हर साल 10वीं और 12वीं कक्षा में क्यों इतने स्टूडेंट होते हैं फेल, जाने इसकी वजह : हर साल भारत के अलग-अलग राज्य और केंद्र के द्वारा बोर्ड परीक्षा का आयोजन किया जाता है। साल भर तैयारी करने के बाद भी प्रत्येक वर्ष 46 लाख से अधिक के स्टूडेंट दसवीं तथा 12वीं कक्षा में फेल हो जाते हैं। अक्सर जब बोर्ड परीक्षा के परिणाम जारी किए जाते हैं तो सभी की नजर पास होने वाले छात्रों पर होती है। फेल छात्रों पर किसी का नजर ही नहीं जाता। लेकिन आज आपको इस आर्टिकल में इतने सारे बच्चे फेल क्यों होते हैं पता चल जाएगा। साथ ही उसे कैसे बचा जाए इसके बारे में भी हम लोग जानेंगे।
अभी हाल ही में भारत सरकार के एक अध्यक्ष द्वारा देश के प्रत्येक बोर्ड परीक्षा में फेल होने वाले विद्यार्थियों के रिपोर्ट पब्लिश की जिसमें यह बताया गया कि प्रत्येक वर्ष बोर्ड के 10वीं और 12वीं कक्षा में 46 लाख से अधिक स्टूडेंट फेल होते हैं। दसवीं कक्षा में 27 लाख से अधिक और 12वीं कक्षा में 18 लाख से अधिक छात्र हर साल किसी ने किसी सब्जेक्ट और अच्छी तैयारी नहीं होने के वजह से फेल होते हैं। आज तक (Every Year 46 Lakh Students Fail in 10th, 12th) इस चीज को लेकर नहीं किसी कोचिंग संस्थान, नहीं किसी सरकारी स्कूल या कॉलेज में औबात होती है।
Every Year 46 Lakh Students Fail in 10th, 12th
हर साल इतने सारे बच्चों के 10वीं और 12वीं कक्षा में फेल होने की कोई एक वजह नहीं है। आज हम उन सभी वजह को समझने की कोशिश करेंगे जिसके कारण विद्यार्थी दसवीं और बारहवीं कक्षा में फेल होते हैं। फेल हुए स्टूडेंट इस चीज से कैसे बाहर निकाल सकते हैं इस पर भी बात करते हैं चलिए शुरू करते हैं।
पढ़ाई में शुरू से ध्यान ना देना
किसी भी परीक्षा में फेल होने की सबसे बड़ी वजह है पढ़ाई में शुरू से ही ध्यान नहीं देना। अधिकतर बच्चे जब बोर्ड के एग्जाम नजदीक आते हैं तो पढ़ाई में दिन-रात एक कर देते हैं। लेकिन उससे पहले पढ़ाई में उनका बिल्कुल भी मन नहीं लगता है। इसका एक वजह है यह है कि वह शुरू से ही पढ़ाई में कमजोर है, या फिर उसके आसपास के वातावरण ऐसे हैं जहां पढ़ाई को शुरू में अधिक महत्व नहीं देते हैं। लेकिन जैसे ही बोर्ड का परीक्षा नजदीक आता है तो बच्चों के साथ-साथ पैरेंट भी पढ़ाई पर जोर देने लगते हैं।
साल भर में की जाने वाली तैयारी को विद्यार्थी कुछ दिनों में पूरा करने की कोशिश करते हैं। जो संभव नहीं हो पता है और परीक्षाओं में फेल हो जाते हैं।
पढ़ाई के लिए सही टीचर और संस्थान का नहीं होना
परीक्षा में फेल होने की दूसरी वजह है पढ़ाई का सही संस्थान का नहीं होना। सरकारी स्कूल हो या फिर प्राइवेट स्कूल या हो कोई कोचिंग संस्थान। अगर सही पढ़ाई कराने वाले शिक्षक ना हो तो भी बच्चे किसी भी एग्जाम में आगे जाकर फेल होंगे।
पढ़ाई में मन का नहीं लगा
परीक्षा में फेल होने की 1:00 बजे यह भी है कि बच्चों को पढ़ाई में मन नहीं लगता। इसका सबसे बड़ा वजह है यह है कि या तो बच्चों के वातावरण ही सही नहीं है। जहां बच्चे या गार्जियन को पढ़ाई लिखाई में रुचि नहीं है। दूसरा यह की बच्चे जैसे तैसे पढ़ कर बोर्ड की परीक्षा तक चले जाते हैं लेकिन दूसरे बच्चों से कमजोर होने की वजह से सही से पढ़ाई में मन नहीं लगा पाते हैं।
अलसी या टालने की आदत का होना
इस उम्र में अधिकतर बच्चों में आलस और तलने की आदत अधिक होती है। आलस के कारण वह कोचिंग संस्थान या स्कूल में नहीं जाते हैं। और अगर जाते भी हैं तो कल कर लेंगे ऐसे टालने की आदत रहता है। यही आदत बाद में पढ़ाई में मन ना लगा और पढ़ाई में सबसे कमजोर होने की वजह बनता है।
ऐसे तो पढ़ाई में बच्चों के कमजोर होने की कोई सारी वजह हो सकती है लेकिन ऊपर दिए गए यह पॉइंट सबसे महत्वपूर्ण है जिसे बच्चे पढ़ाई में कमजोर होते हैं। अगर इन सभी पॉइंट्स को ध्यान में रखकर बच्चों को पढ़ाई पर ध्यान दिया जाए तो Every Year 46 Lakh Students Fail in 10th 12th कभी भी बोर्ड एग्जाम में फेल नहीं करेंगें।
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