How to do fish farming: मछली पालन कैसे करें? जाने सबसे अच्छा तरीका : भारत में बड़ी संख्या में मछली का सेवन किया जाता है। तथा भारत में बड़ी संख्या में मछली का पालन भी किया जाता है। आजकल बड़े स्केल पर लोग मछली का सेवन करना शुरू कर चुके हैं। आने वाले दिनों में यह और भी बढ़ सकता है। अगर आप मछली पालन करने की सोच रहे हैं तो आज के इस आर्टिकल (How to do fish farming) में हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताएंगे जिससे आप बहुत ही कम जगह हमें अधिक से अधिक मछली पालन कर पाएंगे।
आज के इस आर्टिकल (How to do fish farming) में हम मछली पालन के सही तरीका के बारे में जानेंगे जिसके लिए आपको कुछ स्टेप को फॉलो करने होंगे। कई बार मछली पालन के सही तरीका पता नहीं होने पर काफी मेहनत के बाद भी कुछ भी फायदा नहीं हो पता है। इसलिए मछली पालन शुरू करने से पहले उनके भरण पोषण और स्वास्थ्य का ध्यान रखना काफी महत्वपूर्ण है। चलिए जानते हैं मछली पालन के सही तरीका।
साफ सुथरा तालाब का निर्माण
मछली पालन के लिए सबसे महत्वपूर्ण है मछली के रहने योग या तालाब। कई बार लोग मछली पालन के लिए पुराने तालाब का इस्तेमाल कर लेते हैं। जिसमें कीटाणु और गंदे पानी के कारण मछली का पालन सही से नहीं हो पता है। इसलिए आपको नया या साफ सुथरा तालाब का निर्माण करना है जिसकी लंबाई न्यूनतम 20 फीट बाय 20 फीट होनी चाहिए। न्यूनतम हाइट 10 से 12 फीट तक हो सकती है। इस तालाब को भरने के लिए कोशिश करें नदी के पानी का इस्तेमाल करने का। क्योंकि जहां मछली रहती है वही उसका भरण पोषण अच्छे से हो पता है।
मछली के बच्चे यानी जीरा की खरीदारी
मछली के बीज को जीरा के नाम से भी बुलाया जाता है। इसलिए हम यहां बी न बोलकर मछली के छोटे-छोटे बी को जीरा कह कर संबोधित करेंगे। मछली के जीरा की खरीदारी सबसे महत्वपूर्ण है क्योंकि यही आपके मछली पालन की प्रक्रिया को बेहतर बनाता है। आप जहां से भी जरा की खरीदारी करें देखें कि उसने का नल ठीक है या नहीं। पिछले कई दिनों में रखे हुए जरा में कोई मच्छर नहीं मार तो नहीं रही है। सही जिला होने पर अपने क्षमता के अनुसार खरीदारी कर ले।
एक बात का ध्यान रखें की मछलियों को बारिश काफी पसंद होता है इसलिए जरा की खरीदारी बरसात से 3 महीने पहले करें। ताकि बरसात तक मछलियों का साइज बड़ा हो जाए और बरसात के समय में अच्छे से विकसित हो पाए।
मछलियों का भरण पोषण करने का सही तरीका
जब आप एक अच्छा सा सुरक्षित लाभ का निर्माण कर लेते हैं और सही मछली के जीरा के खरीदारी कर लेते हैं तब बड़ी आता है उसे मछली के जिले को तालाब में डालने की। मछलियों को तालाब में डालने से पहले मछलियों के भोजन का खास ध्यान रखना होगा। मछलियों को तालाब में डालने के बाद उन्हें समय-समय पर डाला डालना जरूरी है। पानी की समस्या ना हो इसलिए लगातार पानी का बहाव करते रहे। ध्यान रखें कि उसे मछली में एक भी मछली बीमार होकर मारे नहीं। नहीं तो इसका प्रभाव सारे मछलियों पर पड़ेगा।
जो मछली तैयार हो जाए तब समय अंतराल पर उनमें से मछलियां निकलना शुरू करें। अधिक समय तक पानी में मछलियां रहने से उन्हें आंतरिक चीजों में खराबी आने लगती है जिससे मछलियां मरने शुरू हो जाएंगे। सही समय अंतराल पर तालाब से मसाला निकालकर मार्केट में सेल करना शुरू कर दें। अगर आप ऊपर बताया सभी पॉइंट को ध्यान में रखते हैं तो मछली पालन में आपको काफी बेनिफिट देखने को मिल सकता है।